क़ुरआन क्या है? | कुरआन का महत्व | इस्लाम की पवित्र किताब | क़ुरान ओर विज्ञान | क़ुरान का मह्त्व | क़ुरान की विशेषताऐ | क़ुरआन का इतिहास

क़ुरआन इस्लाम की पवित्र किताब जो हर इंसान के लिए मार्गदर्शक है।


Table of Contents (विषय सूची)

• क़ुरआन क्या है?

• क़ुरआन कैसे अवतरित हुआ?

• क़ुरआन और अन्य धर्मग्रंथ

• क़ुरआन और विज्ञान

• क़ुरआन पढ़ने के लाभ

• क़ुरआन का सम्मान क्यों ज़रूरी है?

• निष्कर्ष

● क़ुरआन क्या है?


क़ुरआन सभी मानव जाति के लिए अल्लाह द्वारा भेजा गया अंतिम संदेश है। यह इस्लाम का पवित्र किताब (ग्रंथ) है, जिसे फ़रिश्ते जिब्रील (अलैहिस्सलाम) के द्वारा पैगंबर मुहम्मद (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) तक पहुँचाया गया यह इंसान को सच्चाई का रास्ता दिखती है।


"यह वह किताब है जिसमें कोई संदेह नहीं,उन्हें सीधी रास्ता दिखाने के लिए है, जो (अल्लाह से) डरते हैं।"
(क़ुरान- सुरह अल-बक़रा 2:2)


>> सबसे ज़्यादा पढ़ी जाने वाली धार्मिक किताब
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● क़ुरआन कैसे अवतरित हुआ?


क़ुरआन 23 वर्षों में विभिन्न घटनाओं और हालातों के अनुसार उतारा गया। अल्लाह (ईश्वर) जिब्रईल (अ•स ) नाम के फरिश्ते द्वारा अपना संदेश मुहम्मद (स•) तक पहुंचाते थे ।


क़ुरान कैसे लिखा गया?


• पैगंबर मुहम्मद (ﷺ) इसे याद कर लेते थे।


• उनके सहाबा (साथी) इसे लिखते थे और फिर आल्लह के रसूल बार-बार क्रॉस चेक करते थे।

• सम्पूर्ण कुरान को धरती पर आने में 23 वर्ष का समय लगा ।

"हमने तुम्हारी ओर हक़ के साथ किताब उतारी, जो पहले की किताबों की पुष्टि करती है।" (सूरह आले-इमरान 3:3)

इसका मतलब है कि क़ुरआन पाक तौरात और इंजील को पुष्टि करता है।

● क़ुरआन और अन्य धर्मग्रंथ

क़ुरआन सत्य और असत्य को अलग करने वाला ग्रंथ है।

"हमने इस किताब में कोई चीज़ नहीं छोड़ी, जिसे स्पष्ट न कर दिया हो।" (सूरह अल-अनाम 6:38)

>> इस्लाम विरोधियों को डर क्यों लगता है?
क्योंकि क़ुरआन में सच्चाई मौजूद है।

"क्या वे क़ुरआन में सोच-विचार नहीं करते? यदि यह अल्लाह के अलावा किसी और की ओर से होता, तो इसमें बहुत सा विरोधाभास (बड़ा इख्तेलाफ़) पाते।" (सूरह अन-निसा 4:82)

● क़ुरआन और विज्ञान


क्या विज्ञान और क़ुरआन एक-दूसरे से मेल खाते हैं?
क़ुरआन में विज्ञानिक तथ्यों का ज़िक्र है, जो आज सिद्ध हो चुके हैं।
• साइंटिस्ट भी क़ुरआन की बातें परख रहे हैं।
• बड़े-बड़े प्रसिध वेज्ञानिको ने क़ुरान के आयतो पर रिसर्च किया है।


" हम शीघ्र ही दिखा देंगे उन्हें अपनी निशानियाँ संसार के किनारों में तथा स्वयं उनके भीतर। यहाँतक कि खुल जायेगी उनके लिए ये बात कि यही सच है और क्या ये बात प्रयाप्त नहीं कि आपका पालनहार ही प्रत्येक वस्तु का साक्षी (गवाह) है?
(सूरह फुस्सिलात 41:53)

बिग बैंग थ्योरी

"क्या वे नहीं देखते कि आकाश और धरती आपस में जुड़े हुए थे, फिर हमने उन्हें अलग किया?" (सूरह अल-अंबिया 21:30)

ये आयत विज्ञान के बिग बेयूरि से मेल खाता है।

☆ भ्रूण विज्ञान

" फिर बदल दिया वीर्य को जमे हुए रक्त में, फिर हमने उसे मांस का लोथड़ा बना दिया, फिर हमने लोथड़े में हड्डियाँ बनायीं, फिर हमने पहना दिया हड्डियों को मांस, फिर उसे एक अन्य रूप में उत्पन्न कर दिया। तो शुभ है अल्लाह, जो सबसे अच्छी उत्पत्ति करने वाला है।" (सूरह अल-मुमिनून 23:14)


यह आधुनिक Embryology से मेल खाता है, इसी तरह बहुत सारे निसनिया है क़ुरान में

● क़ुरआन पढ़ने के लाभ


क़ुरआन एक मार्गदर्शक किताब है, जो हर परेशानी का हल बताती है।

"और वास्तव में, हमने क़ुरआन को समझने के लिए आसान बना दिया है, तो क्या कोई सोचने-समझने वाला है?" (सूरह अल-क़मर 54:17)

शांति और मानसिक सुकून मिलता है।
• दुआएँ क़ुबूल होती हैं।
• जीवन का सही अर्थ समझ में आता है।
• इस किताब में जीवन जीने का पुरा तरीक़ा है।

● क़ुरआन का सम्पूर्ण सम्मान

इस किताब की इज्जत ओर सम्मान इतनी है की कोई भी मुसलमान इस किताब को अपनी से नीची नही रख सकता ओर ना ही पीठ पीछे रख सकता।
कोई भी बच्चा अपनी स्कूल जाता क़ुरान लेके तो वो कभी भी अपने पीठ पीछे नही रखेगा ब्ल्की क़ुरान को अपने सिने से लगाकर ले जाता हैं।
क़ुरआन को ऊँचे स्थान पर रखना ज़रूरी है।
बिना वुज़ू के क़ुरान की आयतो को छूना मना है।
हिफ़्ज़ करने वाले (याद करने वाले) (हाफ़िज़-ए-क़ुरआन) को जन्नत में ऊँचा दर्जा मिलेगा। विश्व में लाखों हाफ़िज़-ए-क़ुरआन हैं।


 "यह क़ुरआन एक प्रतिष्ठित किताब है, जो एक सुरक्षित किताब (लौह-ए-महफूज़) में दर्ज है।" (सूरह वाक़िया 56:77-78)


इसलिए, मुसलमान इसे सीने से लगाकर रखते हैं, इसकी इज़्ज़त करते हैं।

● निष्कर्ष


क़ुरआन सिर्फ़ मुसलमानों के लिए नहीं, बल्कि पूरी मानव जाति के लिए मार्गदर्शक है।
• यह सच और झूठ को अलग करने वाली किताब है।
इसमें कोई विरोधाभास नहीं है और यह पूरी तरह सुरक्षित है।


"निश्चय ही हमने क़ुरआन को उतारा है और हम ही इसकी सुरक्षा करने वाले हैं।" (सूरह अल-हिज्र 15:9)

>>अनुमान है कि विश्व में लाखों हाफ़िज़-ए-क़ुरआन हैं, विशेष रूप से इंडोनेशिया, पाकिस्तान, भारत, बांग्लादेश, नाइजीरिया जैसे बड़े मुस्लिम जनसंख्या वाले देशों में।

 अगर आप क़ुरआन और विज्ञान के बारे में जानना चाहते हैं, तो इस्लाम और विज्ञान पर यह लेख पढ़ें।"

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