■ पैगम्बर मुहम्मद (स•) ने रोमन सम्राट हेराक्लियस (रोम साम्राज्य का बादसाह) को एक पत्र भेजा था, जिसमें उन्हें इस्लाम अपनाने के लिए आमंत्रित किया गया था । यह पत्र जॉर्डन में किंग हुसैन मस्जिद में सुरक्षित है। 


■ पैगम्बर मुहम्मद ने अन्य शासकों को भी पत्र भेजे, और इस्लाम की दावत दी जिनमें शामिल हैं:
पैगम्बर मुहम्मद ने अन्य शासकों को भी पत्र भेजे, और इस्लाम की दावत दी जिनमें शामिल हैं:

• इथियोपिया में सम्राट आशामा इब्न अबजर

चोस्रोस, फारस का राजा (परसीयन साम्राज्य)

मुन्ज़िर इब्न सावा, बहरीन के शासक

हिमयारीत हरीथ, यमन का राजकुमार

हरीथ गस्सानी, शाम के गवर्नर  

• अल-मुक़ौक़िस : मिस्र का राजा   

• नेगस : अबीसीनिया का राजा

 यह पत्र जॉर्डन के किंग हुसैन मस्जिद संग्रहालय में सुरक्षित है।


खत का  हिन्दी अनुवाद (मतलब)✅


⭕किस तरह से एक रोमन साम्राज्य के ताकतवर बादशाह हरकुलिस ने आखरी नबी मोहम्मद (स•) के सच्चे होंने का दलील दी


अल्लाह के नबी/पैगंबर मोहम्मद (स•) ने हरक्यूलिस (रोमन साम्राज्य के बादशाह ) को खत लिखा और इस्लाम की दावत दी फिर हरक्यूलिस (रोम का बादशाह ) ने मक्का शहर के बड़े लोगों और सरदारों जो की मुस्लमान नही बने थे उनको बुलाया उनसे कुछ सवाल किया नबी के बारे में ,


》पहला सवाल हरक्यूलीस ने आखरी पैगंबर मोहम्मद (स•) के बारे में किया, कि तुम लोगों में उसका खानदान कैसा है?

तो उन्होने जबाब दिया कि, वह (नबी) ऊँचे खानदान वाला है।

》फिर हारकुलिस राजा ने सवाल पूछा , क्या

यह बात उससे पहले भी तुममें से किसी ने कही थी? उन्होने कहा नहीं,


》हरक़ुलिस ने फिर सवाल किया की अच्छा उसके खानदान में से कोई बादशाह गुजरा है?

उन्होने कहा, नहीं।


》हरकुलिस ने फिर सवाल किया की यह बताओ कि बड़े लोगों ने उसकी पैरवी की है, या गरीबों ने?

उन्होने जवाब दिया कमजोरों ने।


》हरकुलिस ने सवाल किया की उसके मानने वाले (दिन-ब-दिन) बढ़ रहे है या कम हो रहे हैं?

उन्होने कहा, उनकी तादाद में बढ़ोतरी हो रही है।


》हरक़ुलिस ने फिर सवाल किया कि उसके दीन में दाखिल होने के बाद कोई आदमी उसके दीन को नापसन्द करते हुए उसको दीन से फिर जाता है?

उन्होने जवाब दिया, नहीं।


》हरकूलिस ने सवाल किया: उसने जो बात कही है, क्या उस (दावा-ए-नबुवत) से पहले तुम लोग उसको झूटा कहा करते थे?

उन्होने कहा :- नहीं

》हरकुलिस ने सवाल पूछा: क्या वह धोका देता है?

उन्होने जवाब दिया :- नहीं।


》हरकुलिस ने सवाल पूछा: यह (मोहम्मद) तुम्हें किन बातों का हुक्म देता है?

उन्होने कहा,यह कहता है सिर्फ अल्लाह (ईस्वर) की इबादत करो, उसके साथ किसी को शरीक न करो, जिनकी तुम्हारे बाप दादा पुजा करते थे, उनको छोड़ दो और वह हमें नमाज, सच्चाई, परहेजगारी, पाकदामनी और करीबी लोगों के साथ अच्छा बर्ताव करने का हुक्म देता है।


"उसके बाद हरकुलिस बाद्शाह ने कहा, मैने तुमलोगो से पैगंबर मोहम्मद के खानदान के बारे में पूछा तो तुमने बताया कि वह ऊंचे खानदान का है और रिवाज यही है कि पैगम्बर (हमेशा) अपनी कौम के ऊंचे खानदान में से भेजे जाते हैं ।


और मैंने पूछा कि

क्या यह बात उससे पहले भी तुम में से किसी ने कही थी? तुमने बतलाया कि नहीं,

हरकुलिस ने कहा कि, अगर यह बात उससे पहले किसी और ने कही होती तो में कहता की वह आदमी एक ऐसी बात का नकल कर रहा है जो उससे पहले कही जा चुकी है।


और मैंने पूछा कि उसके बुजुर्गों में से कोई बादशाह गुजरा है? तो तुमने जवाब दिया की नहीं।

अगर उसके बुजुर्ग में कोई बादसाह गुजरा होता तो मैं कहता की वह आदमी अपने बाप की बादशाहत का चाहने वाला है।


मैने सवाल पूछा था कि जो बात उसने कही है इस (दावा-ए-नबुव्वत) से पहले कभी उसपर कभी झुट बोलने का इल्जाम लगाया था। तो तुमने बतलाया कि नहीं

और में अच्छी तरह जानता हूँ कि नबी /पैगंबर कभी झुट नही बोलते।



( हरकुलिस ) ने कहा की मैने सवाल किया था की उसको बड़े लोग पैरवी कर रहे हैं या कमजोर? तो तुमने बतलाया कि कमजोर लोगों ने उसकी पैरवी (follow) । हकीकत यह है कि इस किस्म के लोग ही पैगम्बरों के मानने वाले होते हैं।


मैंने पूछा था कि उनके मानने वाले बढ़ रहे हैं या कम हो रहे हैं? तुमने बतलाया कि उनकी तादाद लगातार बढ़ रही है और दर हकीकत ईमान का यही हाल होता है, यहां तक कि वह पूरा हो जाता है।


फिर मैंने पूछा कि क्या इस दीन में दाखिल होने के बाद कोई आदमी नफरत करते हुए उसके दीन से फिर जाता है? तो तुमने बतलाया कि नहीं और ईमान का वही हाल होता है कि उसकी मिठास जब दिल में समा जाती है तो फिर निकलती नहीं ।


और मैंने पूछा कि क्या वह वादा खिलाफी (धोखा) भी करता है? तो तुमने बतलाया कि नहीं

और जान लो की रसूल ऐसे ही होते हैं, वह धोका नहीं करते।


मैंने यह भी पूछा कि वह तुम्हें किन बातों का हुक्म देता है, तो तुमने बतलाया कि यह अल्लाह की इबादत करने और उसके साथ किसी को शरीक ना ठहराने का हुक्म देता है, तुम्हे बुतपरस्ती से मना करता है और तुम्हें नमाज, सच्चाई और परहेजगारी व
पाकदामनी इख्तियार करने के लिए कहता है, तो जो कुछ तुमने बतलाया है, अगर वह सही है तो यह आदमी बहुत जल्द इस जगह का मालिक हो जायेगा, जहां मेरे यह दोनों कदम है

मैं जानता था कि यह नबी आने वाला है, लेकिन मेरा यह ख्याल न था कि यह तुम में से होगा। अगर मुझे यकीन होता कि में उसके पास पहुंच सकूंगा तो उससे जरूर मुलाकात करता, अगर मैं उसके पास (मदीना में) होता तो जरूर उसके पांव धोता।।।।


आने वाले समय में ऐसा ही हुआ मुसलमान के हाथ मे रोमन साम्राज्य, पर्सियन साम्राज्य और मिस्र की बाद्शाहत / हुकुमत आ गई । और आज तक मुस्लमानो की है।


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