•जरुर से पढे और लोगो को बचाए•
Finance ,लोन ( lone), interest (सूद)
इन सब चीजो मे मुसलमान फसते चले जा रहे है लोगो को पता ही नही की ये सब चीजे क्या है और इनके नुक्सान क्या है
बैंक आपको लोन देती है और जयदा interest (सूद) मे पैसा वापिस लेती हैं ।
•इस्लाम मे सूद लेना, देना, गवाह बनना हराम है
•अल्लाह पाक ने सूद को हराम किया ।
सूद को हराम करेने के पीछे बहुत बड़ा कारण है गरीब आदमी पर बहुत बड़ा बोझ आ जायेगा गरीब और गरीब होता जायेगा और अमीर और अमीर होता जाएगा।
•यहूदियों की जान सूद पर है अगर सूद छोड़ दोगे तो यहूदी एसेही मर जायेगे
• अगर तुम सचे मोमीन हो तो सूद छोड़ दो
•अगर कोई गरीब जिसके पास 50 हजार नही हो और वो किसी से 50 हजार उधार लेता है और जिसने 50 हजार दिया वो गरीब से 55 हजार लेता है तो गरीब आदमी तो पहले से गरीब था और अब उसे 55 हजार देने पड़ेंगे अब तो गरीब और गरीब बन गया और अमीर तो और अमीर बन गया क्युकी उसे तो 5 और एक्स्ट्रा कमाई हो रही है
अगर एसा रहा तो गरीब और गरीब बनता चला जायेगा और अमीर और अमीर बनता चला जायेगा
•अल्लाह पाक ने सूद को हराम किया है
अल्लाह रबुल इज्जत एसेही किसी चीज को हराम नही करते बल्कि इसके पीछे बहुत बड़ा कारण होता है बहुत बड़ा नुक्सानत होते है।
• अपके मन मे तरह तरह के सवाल होगे की पैसे बैंक से ना ले तो कहा से ले आज कल किस से उधार माँगे कौन देगा जरुरत के समय कह जाये?
निचे एक उपाय है =
अपने गाव मुहले में एक ग्रुप बनाया जाये और उसमे कम से कम 50 लोग को जोडा जाये और हर महीने की 5 तरीक़ को 1000 रूपया 50 लोगो से लिये जाये एक ही दिन तो 50 हजार हो जायेंगे फिर 50 लोगो का नाम का लोटरि या पर्चा निकला जाये और जिसे का नाम निकले उसे 50 हजार दे दिये जाये।
हर महीने इसी तरह किया जाय 50 लोगो 1-1 हजार जमा करे हर महिने 50 हजार होगे और हर महीने जिसका नाम निकले उसे 50 हजार दे दी जाय और वो हर महीने 1 हजार जमा करते रहे और इसी तरह सालो भर चलाते रहे
जितने जय्दा लोग उतनी ज्यादा रकम
और जो हर महन 1 हजार जमा ना करे उसेसे फ़ाइन लिया जाय
इस ग्रुप मे आपको ना सूद देने पड़ेंगे और ना ही एक्टरा पैसे , गुनाह से बच जायेगे और पैसे की जरुरत पूरी हो जाएगी।
इस तरह का ग्रुप बहुत सरे गाव/मुह्हले मे चलाये जा रहे है ।
✅अल्लाह पाक ने सूद के बारे में क़ुरान पाक मे क्या फरमाया नीचे जरुर पढ़े,
✦ अल क़ुरान : अल्लाह सुबहानहु सूद (की कमाई) को मिटा देता है और सदक़ात को बड़ा देता है और अल्लाह सुबहानहु किसी भी नाशुक्री करने वेल गुनहगार को पसंद नही करता,
जो लोग ईमान लाए और नेयक काम करते रहे और नमाज़ को क़ायम रखा और ज़कात देते रहे तो उनके रब के यहाँ उनका अजर है और उन पर ना कोई ख़ौफ़ होगा और ना वो गमगीन होंगे.
एह मोमीनो अल्लाह से डरो और अगर तुम ईमान वाले हो तो जो कुछ सूद बाक़ी रह गया है उसको छोड़ दो, अगर तुमने ना छोड़ा तो अल्लाह सुबहानहु और उसके रसूल ( सलअल्लाहू अलैही वासल्लम) की तरफ से तुम्हारे खिलाफ एलान ए जुंग है और अगर तौबा कर लो तो असल माल तुम्हारा तुम्हारे लिए है, ना तुम किसी पर ज़ुल्म करो और ना तुम पर ज़ुल्म किया जाएगा
सुरह अल-बक़रा, आयत 276-279
✦ हदीस : जाबिर रदी अल्लाहू अन्हु से रिवायत है की रसूल-अल्लाह सलअल्लाहू अलैही वसल्लम ने लानत की है सूद (ब्याज) लेने वाले पर और सूद देने वाले पर , और सूद लिखने वाले पर और सूद के गवाहों पर और फरमाया वो सब बराबर हैं
सही मुस्लिम, 1598
Sahih muslim book 10 hadith 3881
-------------------
0 Comments
एक टिप्पणी भेजें
If any problem or query please comment or email