ईसा मसीह (अलैही सलाम) ने दुनिया से जाने से पहले कहा था


» '‘मुझे तुमसे और भी बहुत सी बातें कहनी हैं। परन्तु अभी तुम उन्हें सह नहीं सकते। परन्तु जब वह अर्थात् सत्य का आत्मा आएगा तब तुम्हें सम्पूर्ण सत्य का मार्ग बताएगा। वह मेरी महिमा करेगा , क्योंकि जो मेरी बातें हैं, वह उन्हें तुम्हें बताएगा।"

(किताब यूहन्ना (John) बाईबल : आयत 12-14)

''मैं तुमसे सच कहता हूँ, मेरा जाना तुम्हारे लिए अच्छा है। जब तक मैं न जाऊँ, वह सहायक तुम्हारे पास नहीं आएगा। लेकिन अगर मैं जाऊँगा, तो मैं उसे तुम्हारे पास भेजूँगा। जब वह आएगा, तो वह दुनिया को पाप, धार्मिकता और न्याय के बारे में जवाब देगा।''
( बाईबल (यूहन्ना 16: आयत 6-8)

 (यूहन्ना - यीशु के बारह शिष्यों में से एक था)


हज़रत ईसा मसीह के बाद दुनिया में हज़रत मुहम्मद (उनपे सलाम हो) तशरीफ़ लाए। जो बातें मसीह कहना चाहते थे लेकिन कह नहीं पाए, वे सब बातें आखिरी पैग़म्बर हज़रत मुहम्मद (स•) ने दुनिया को बताईं। उन्होंने गवाही दी कि ईसा कुंवारी मां के बेटे थे और मसीह थे। अल्लाह के सच्चे नबी थे, मासूम थे। वे ज़िन्दा आसमान पर उठा लिए गए और दोबारा ज़मीन पर आएंगे और मानव जाति के दुश्मन ‘दज्जाल‘ (एंटी क्राइस्ट) का अंत करेंगे। 


हर एक मुसलमान सिर्फ़ उनकी गवाही की वजह से ही ईसा को अल्लाह का नबी और मसीह मानते हैं। मरियम को पाक और उनकी पैदाइश को अल्लाह का करिश्मा मानते हैं। क्या पैगंबर मुहम्मद (अलैहि सलाम) के अलावा कोई और पैदा हुआ है जिसने ईसा (अलैही सलाम) की सच्चाई के हक़ में इतनी बड़ी गवाही दिया हो?

○ ईसा मसीह एक पैगंबर थे:-


बाइबल ने यह स्पष्ट कर दिया कि यीशु मसीह मूसा और अब्राहम की तरह ही एक सम्मानित पैगंबर/ संदेशवाहक हैं जिन्हें एक ईश्वर का संदेस पहूंचाने के लिये भेजा गया था। जैसा कि यीशु ने स्वयं वर्णन किया है:

यूहन्ना 5:30 - "मैं अपने आप से कुछ नहीं कर सकता; जैसा सुनता हूं, वैसा न्याय करता हूं, और मेरा न्याय सच्चा है; क्योंकि मैं अपनी इच्छा नहीं, परन्तु अपने भेजने वाले की इच्छा चाहता हूं।"

और यही कारण है कि मैं यीशु को ईश्वर द्वारा भेजे गए एक संदेशवाहक के रूप में दृढ़ता से मानता हूँ, लेकिन स्वयं ईश्वर या ईश्वर के 'जन्मजात' पुत्र के रूप में नहीं, क्योंकि ईश्वर बहुत महान है वह अल्लाह है, वह एकमात्र है , अल्लाह बेनियाज हैं, वह न तो बाप है, न ही वह किसी का बेटा , और उसके जैसा कोई नहीं है।

अल्लाह तआला ने आदम को मिट्टी अर्थात बिना माता-पिता के उत्पन्न किया और ईसा मसीह को बिना पिता के उत्पन्न किया। अल्लाह तआला ने क़ुरान मे बताया ;

“अल्लाह के नजदीक ईसा की मिसाल (उदहारण) आदम जैसी है कि अल्लाह ने उसे मिट्टी से पैदा किया और आदेश दिया कि हो जा और वह हो गया।”– (क़ुरान- आले-इमरानः59)

 “मरयम का बेटा मसीह ईसा इसके सिवा कुछ न था कि अल्लाह का रसूल (पैगम्बर) था और एक आदेश था जो अल्लाह ने मरयम की ओर भेजा और एक आत्मा थी अल्लाह की ओर से (जिसने मरयम के गर्भ में बच्चे का रूपधारण किया)” – (क़ुरान- सूराः अन निसाः 171)

सर्वशक्तिमान अल्लाह कहते हैं:

“वास्तव में मसीह, मरियम का पुत्र ईसा, अल्लाह का रसूल था” (सूरा 4:171 )

“अल्लाह जो कुछ चाहता है, पैदा करता है। जब वह किसी चीज़ का आदेश देता है, तो उससे बस यही कहता है कि हो जा, तो वह हो जाती है।” ( 3:47 )
“निश्चय ही मसीह, मरयम का पुत्र ईसा, अल्लाह का रसूल और उसका वचन है जो उसने मरयम को प्रदान किया और उसकी ओर से एक आत्मा है।” (सूरा 4:171 )

क़ुरान में ईसा (अलेही सलाम) का नाम 25 बार आया है। क़ुरान पाक की सुरह मरियम में इनके जन्म की कथा है और इसी तरह सुरह अलि इमरान में भी।


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