रसूल-ऐ-करीम (ﷺ) के खादिम, अबू सलाम (र.अ) से रिवायत है की,

रसूलअल्लाह (ﷺ) ने फ़रमाया “जो भी मुसलमान या इंसान (या बंदा) सुबह शाम ये कलिमात कहे, 


رَضِيتُ بِاللَّهِ رَبًّا،‏‏‏‏ وَبِالْإِسْلَامِ دِينًا،‏‏‏‏ وَبِمُحَمَّدٍ نَبِيًّا


 “रजितु बिल्लाहि रब्बन वा बिल इस्लामी दीनन वा बी मुहम्मदिन नबियन” 


( मैं राज़ी हु अल्लाह के रब होने पर, इस्लाम के दीन होने पर और मुहम्मद (ﷺ) के नबी होने पर )


तो अल्लाह सुब्हानहु क़यामत के दिन उसको जरूर खुश फरमा देगा।



सुनन इब्ने माजाह 3870