Hadith

 


अबू हुरैरा रदी अल्लाहू अन्हु से रिवायत है की, 
रसूल-अल्लाह ( ﷺ ) सललल्लाहू अलैही वसल्लम ने फरमाया 


रोज़ा दोजख से बचने के लिए एक ढाल है इसलिए ( जो रोज़ेदर हो) वो ना तो बीवी से हमबिस्तरी करे और ना फ़हाश (बुरी) और जहलत की बातें करे और अगर कोई शख्स उस से लड़े या उसे गाली दे तो उसका जवाब सिर्फ़ ये कहना चाहिए की मैं रोज़ेदर हूँ दो बार (कहे) , उस ज़ात की कसम जिसके हाथ में मेरी जान है रोज़ेदर के मुँह की बू अल्लाह के नज़दीक मस्क की खुश्बू से भी ज़्यादा पसंदीदा और पाकीज़ा है ( अल्लाह सुबहानहु फरमाता है) बंदा अपना खाना पीना और अपनी शहवात मेरी लिए छोड़ता है रोज़ा मेरे लिए है और मैं ही इसका बदला दूँगा और नेकियों का सवाब भी असल नेकी के 10 गुना होता है। 



सही बुखारी हदीश नम्बर 1894